Friday, February 15, 2008

वैलेंटाइन दिवस की पूर्व संध्या पर देश के एकतरफा प्रेमिओं के नाम संदेश

प्रिय प्रेमियो [एकतरफा]मैं जानता हूँ कि कल का दिन आप लोगों के लिए मानसिक रूप से बड़ा चुनोती भरा होगालेकिन इस मुसीबत कि घड़ी मे आप अपने आप को अकेला न समझे क्योंकि हिंदुस्तान मे इस प्रजाति के जीवों कि संख्या करोडों मे है जिनमे से एक मैं भी हूँ । भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसके अधिकांश युवा इस वर्ग से आते हैं । हमारी परेशानी यह है कि कोई हमे seriously नही लेता है ,हमे फालतू समझा जाता है। यहाँ तक कि जिसके लिए हम आपने आप को फ़ना कर लेते हैं वह हमारी भावनाओं को कि कद्र करना तो दूर हमारी तरफ़ देखती भी नही है और बचपन से हम सब इस discriminaton का शिकार होते आयें हैं किंतु किसीने भी हमारी आवाज़ नही उठाई ।दोस्तों अब समय आ गया है की हम अपनी मुसीबतों का दुनिया के आगे रोना छोड़ कर अपने लिए ख़ुद सोंचे .हमारे पास खोने के लिए कुछ नही है और पाने के लिए बहुत कुछ है जिसमें एक अदद प्रेमिका भी शामिल है .इसके लिए humen एकजुट hona पड़ेगा । हमें एक संघ बनाना पडेगा और उसके झंडे के निचे एकत्रित होना होगा .इस संघ के दबाव का प्रयोग कर अपनी मांगे मनवानी होगी ।iska nam hoga' अखिल भारतीय एकतरफा प्रेमी संगठन '[रजी ]सलमान खान इसके प्रेसिडेंट होंगे और विवेक ओबेराय वायस प्रेसिडेंट ।हमारी मांगे होंगी हमे रिज़र्वेशन दिया जाए क्योंकि हम हम अपने एकतरफा प्यार करने की वजह से अपने कम पर पुरा मन नही लगा पाते । मानसिक अस्पतालों में humen मुफ्त सुविधाएँ मिलें । हमारे लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले जायें । हमारे लिए गलत बोलने वालो के खिलाफ कानून बना कर उन्हें दंडित किया जाए । तो दोस्तों जरूरत इस बात की है की देश के कोने कोने तक हमारे संगठन की सखायेँ विकसित हो अत : इसके लिए अधिक से अधिक संख्या मे इस संगठन से से जुड़ें और अपनी बिरादरी के लिए काम करने का गौरव प्राप्त करें ।

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